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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर की दौड़ में माइकल पात्रा और चेतन घाटे सबसे आगे

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर की दौड़ में अर्थशास्त्री और आईएस अफसर भी शामिल 


नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति की दौड़ केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक माइकल पात्रा और एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) में बाहरी सदस्य चेतन घाटे शामिल हैं। माना जाता है कि वित्तीय क्षेत्र विनियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) ने इस सिलसिले में 10 उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया है, जिनमें पात्रा और घाटे के अलावा तीन अन्य अर्थशास्त्री और दो आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
चेतन घाटे आरबीआई की एमपीसी के बाहरी सदस्य हैं, जबकि माइकल देवव्रत पात्रा इस समय आरबीआई में कार्यकारी निदेशक हैं।


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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी छत्रपति शिवाजी के बारे में भी बताया जाता है कि उनका नाम आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के उम्मीदवारों की सूची में शामिल है। वह भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सीईओर और वित्त मंत्रालय में प्रधान सचिव रहे हैं और वर्तमान में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में भारत के कार्यकारी निदेशक हैं।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास की आर्थिक शाखा में वर्तमान में पदस्थापित नौकरशाह अरुणीश चावला और मध्यप्रदेश के प्रधान वित्त सचिव मनोज गोविल का भी शायद इस पद के लिए साक्षात्कार हुआ है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पद के लिए सात नवंबर को हुए इंटरव्यू के संबंध में हालांकि कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
परंपरागत रूप से इस पद पर केंद्रीय बैंक के बाहर के अर्थशास्त्रियों का चयन होता रहा है। डिप्टी गर्वनर का यह पद विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद से खाली पड़ा हुआ है। आचार्य से पहले उर्जित पटेल इस पद पर थे जो बाद में आरबीआई के गर्वनर बने. केंद्रीय बैंक में आचार्य का अंतिम कार्यदिवस 23 जुलाई था।


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