रविवार को जामिया विश्वविद्यालय और जामिया नगर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि 15 दिसंबर को हुई घटना के सिलसिले में जिन दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह सभी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है।
वहीं दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिए बयान में कहा था कि यह घटना एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने बेहद सधी हुई बात की। दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस कांड की जांच दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस से छीनकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दी गई है।
रविवार को जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुए बबाल में डीसीपी सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। दो एसएचओ को फ्रैक्चर हो गया। एक पुलिसकर्मी अभी तक आईसीयू में जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है। डॉक्टर्स उसकी जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
घटना में चार बसों को भीड़ द्वारा आग लगा दी गई। इसके अलावा 100 के करीब वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। इन वाहनों में स्थानीय निवासियों के वाहन सहित दिल्ली पुलिस के भी कई वाहन शामिल थे। आगजनी और पथराव में कितने का नुकसान हुआ है, इसका फिलहाल आंकलन अभी नहीं हो सका है।
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