निर्भया के दोषियों ने फांसी की सजा की तारीख नजदीक आने की संभावना को देखते हुए इन दोषियों को फांसी का खौफ डराने लगा है। यहां तक कि चारों दोषियों (अक्षय, मुकेश, विनय और पवन) ने घबराहट में खाना-पीना तक छोड़ दिया है।
ये चारों अपने-अपने सेल में देर रात तक चक्कर काटते रहते हैं। इनमें से किसी को भी कोई दवा नहीं दी गई है, लेकिन इन्हें तरल पदार्थ और ठोस भोजन इस तरह से दिया जा रहा है कि इनका रक्तचाप सही रहे। इन चारों पर जेलकर्मियों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व तमिलनाडु पुलिस के जवान 24 घंटे नजर रख रहे हैं। जेल सूत्रों के अनुसार, इसकी बड़ी वजह इस बात की आशंका है कि घबराहट की स्थिति में कोई कैदी खुद को नुकसान या आत्महत्या की कोशिश जैसे कदम न उठा ले।
इनके सेल के आसपास नियमित तौर पर लगे कैमरे के अलावा उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कैमरे की फुटेज की निगरानी के लिए जेल कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहते हैं। इन चारों दोषियों को फांसी देने वाली दया याचिका पर अभी राष्ट्रपति की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। लेकिन इससे पहले तिहाड़ जेल में फांसी कोठी और अन्य चीजों की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दोषियों को 16 या फिर 29 दिसंबर (निर्भया की मौत हुई थी इस दिन) को फांसी पर लटकाया जा सकता है। वैसे तो फांसी देने के लिए जल्लाद की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी जरूरत महसूस हुई तो यूपी, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है। निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को शुक्रवार यानी कल पटियाला कोर्ट में पेश किया जाएगा। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जेल प्रशासन को दोषियों को पेश करने का आदेश दिया था।
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