कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रामलीला मैदान में शनिवार को आयोजित भारत-बचाओ रैली में हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना साध राजनीति को हवा दे दी। राहुल गाँधी ने कहा कि एक दिन पहले संसद में भाजपा के लोगों ने मुझे मेरे भाषण के लिए माफी मांगने के लिए कहा। लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मेरा नाम राहुल गांधी है। मैं सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा।
मैं मर जाऊंगा, मगर माफी नहीं मांगूंगा, न कोई कांग्रेस का कार्यकर्ता माफी मांगेगा। भाजपा राहुल से झारखंड में चुनावी रैली के दौरान रेप इन इंडिया वाले बयान को लेकर माफी मांगने को कह रही है। इस बीच सावरकर का नाम गलत रूप से लेना शिवसेना को चुभ गया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राहुल के बयान से इतिहास नहीं बदलेगा और उन्हें सावरकर के बारे में पढऩा चाहिए। वे इतिहास के पन्ने नहीं फाड़ सकते हैं। सावरकर ने आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राहुल के कहने से सावरकर का महत्व कम नहीं होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी माना था कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इतिहास में सावरकर का योगदान है और रहेगा।
सावरकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के युवाओं के लिए भी आदर्श हैं। राहुल के बयान से महाराष्ट्र की गठबंधन (शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी) सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और यह पूरे पांच साल चलेगी। हां, मैं महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं से यह अपील जरूर करूंगा कि वे सावरकर की आत्मकथा को राहुल को दें ताकि उनकी गलतफहमियां दूर हो सकें।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने राउत से कहा है कि अभी ऐसी और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। मलिक ने राउत को टैग करते हुए मशहूर शायर इकबाल की शायरी पेश की। लिखा- सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं।
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