उन्नाव रेप कांड में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मंगलवार सुबह सेंगर की सजा पर सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने दोषी कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास देने की मांग की।
सीबीआई ने इस दौरान कहा कि यह मामला केवल रेप का नहीं है, इसमें बड़ी बात मानसिक उत्पीडऩ की है। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि इस तरह के मामलों में अभी तक कितना कंपनसेशन (मुआवजा) दिया गया है। इस दौरान सीबीआई ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन देखेंगे कि ऐसे पीडि़तों को कितना मुआवजा मिलता है।
सेंगर के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनकी उम्र 54 साल है और उनका पूरा करियर देखा जाए तो वर्ष 1988 से अभी तक वो पब्लिक डीलिंग करते रहे हैं. 1995 से 2000 तक ब्लॉक लेवल पर सदस्य रहे. हमेशा लोगों की सेवा की है। वर्ष 2002 से लगातार वो जनता की मांग पर चुनाव लड़े और विधायक बने। वकील ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने इलाके में कई इंस्टीट्यूट बनवाए, विकास कार्य किए, साथ ही कहा कि सेंगर पर जनता ने कभी कोई आरोप नहीं लगाया। यह पहला मामला है. उनकी दो बेटियां भी हैं जो शादी के लायक हैं ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जानी चाहिए।
इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने अपने दिए फैसला में सेंगर को दोषी करार दिया था। जबकि इस मामले में एक अन्य आरोपी शशि सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है। शशि सिंह पर आरोप था कि वो नौकरी दिलाने के बहाने पीडि़ता को कुलदीप सिंह सेंगर के पास लेकर गई थी, जिसके बाद उसने पीडि़ता से रेप किया था। शशि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और न ही मामले में सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट होने के चलते कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया।
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